जय हिन्द दोस्तों आज के इस टॉपिक में हम जानेंगे की "क्या है भारत - बांग्लादेश सीमा सामझौता" तथा क्यों ये समझोता हुआ था.
कब और कैसे बना बांग्लादेश.
- Tech Qureshi -: दोस्तों जेसा की हम जानते है कि आजादी से पहले भारत और पाकिस्तान एक ही देश थे , परन्तु आजादी के बाद पाकिस्तान भारत से अलग होकर एक अलग मुल्क बन गया इसीके साथ भारत में 562 रियासते सम्मिलित हुई तो पाकिस्तान में बहुत ही कम रियासते सम्मिलित हुई. इन 562 रियासतों का एकीकरण करने में सरदार वल्लभ भाई पटेल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
- भारत - पाकिस्तान अलग होने के बाद भारत एक लोकतंत्र राष्ट्र बना तो पाकिस्तान एक इस्लामिक राष्ट्र बना. भारत में हिंदी के साथ - साथ हर राज्य की अपनी एक राज्य भाषा बोलने की भी स्वतंत्रता हैै जबकि पाकिस्तान में ऐसा नहीं था पाकिस्तान की हकूमत ने पुरे पाकिस्तान में सन 1962 एक ही भाषा बोलने की घोषणा की तो बंगला लोगो ने इसका विरोध किया, क्यूंकि बांगला लोगो की मुख्य भाषा बंगाली ( साहित्यिक बंगाली ) है, इस विरोध को दबाने के लिए पाक सरकार ने बांगला लोगो पर बहुत अत्याचार किया परन्तु वे लोग पीछे नहीं हटे.और अन्दर ही अन्दर सरकार का विरोध करते थे ये विरोध अन्दर ही अन्दर इतना भयानक रूप ले चूका था की 1971 भारत - पाक युद्ध के बाद बांगला लोगो ने अपना एक अलग राष्ट्र बनाकर पाकिस्तान से अलग हो गये तथा अपनी राष्ट्रीय भाषा बांग्ला तथा अपने देश का नाम बांग्लादेश रखा.
- भारत ने बांग्लादेश की हर संभव मदद भी की , परन्तु इसी के साथ भारत - बांग्लादेश के बीच जल विवाद , सीमा विवाद , न्यूमुर द्वीप विवाद ,आतंकवाद , शरणार्थी समस्या , भारत विरोधी गतिविधया भी ऊभर कर सामने आने लागी,
भारत - बांग्लादेश के बीच जल ( तीस्ता नदी ) विवाद -:
- तीस्ता नदी हिमालय से निकलकर सिक्किम तथा पश्चिम बंगाल से होकर असम में ब्रहमपुत्र नदी में विलय हो जाती है.
- तीस्ता नदी सिक्किम के इलाके व बांग्लादेश के लगभग 1/5 हिस्से को अपना जल देती है. इसी कारण तीस्ता नदी इन इलाको में रहने वाली जनसंख्याओ के लिए काफी महत्वपूर्ण हो जाती है.
- तीस्ता नदी पश्चिम बंगाल के लिए भी उतनी ही महत्वपूर्ण है. जितनी बांग्लादेश के लिए, क्यूंकि पश्चिम बंगाल के उत्तर का इलाका आधे से अधिक इसी नदी के पानी का प्रयोग करता है.
- भारत और बांग्लादेश के बीच 2011 में एक समझोता होना था और दोनों देश इस समझोते की अंतिम प्रक्रिया में भी पहुंच गये थे परन्तु उस समय पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नाराजगी की वजह से इस समझोते को होने से रोक दिया गया था.
- 2015 में भी प्रधान मंत्री नरेद्र मोदी ने बांग्लादेश का दोरा किया और बांग्लादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना से कहा की वे केंद्र व राज्य सरकारो के बीच सुलह के माध्यम से तीस्ता नदी के समाधान तक पहुंच सकते है. परन्तु इस दौरे को 6 वर्ष होने के बाद भी नदी के जल का बटवारा नहीं हो सका है.
क्या है भारत - बांग्लादेश सीमा समझोता
- जैसे की हम जानते है कि, एक ज़माने में भारत , पाकिस्तान तथा बांग्लादेश ये तीनो एक ही देश के हिस्सा था जो की भारत ही कहलाता था. लेकिन जब बांग्लादेश पाकिस्तान से अलग हुआ तो प्राकतिक रूप से बने पहाड़ , जंगल , नदियों और इंसानी बस्तियों को कभी सही ढंग से बाँटा ही नहीं गया .
- प्रधान मंत्री इंदिरा गाँधी के समय में लैंंड बाउंड्री एग्रीमेंट 1974 तैयार किया गया था इसी को लेकर 01 अगस्त 2015 को 100वें संविधान संसोधन के लिए स्वीक्रति प्रदान की गई , यह विधेयक भारत - बांग्लादेश के बीच भूमि सीमा समझोते ( LBA - Land Boundary Agriment ) से सम्बधिंत है
- इससे पहले ये विधेयक संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित कर दिया गया था. ये संविधान संशोधन दोनों देशो की सीमा के मध्य कुछ क्षैत्रों के आदान - प्रदान से सम्बधिंत है
- इस संशोधन के बाद बांग्लादेश को भारत से 111 परीक्षेत्र ( 17160 एकड़ ) जबकि भारतको बांग्लादेश से 51 परीक्षेत्र ( 7110 एकड़ ) भूमि प्राप्त हुई.
- असम में भारत को 470 एकड़ भूमि बांग्लादेश से प्राप्त होगी जबकि 268 एकड़ बांग्लादेश को दिया गया.
- परीक्षेत्र किसी देश के एक छोटे भू- भाग को कहते है , जो दुसरे देश के अधिकार क्षेत्र में घिरा होता है. इस विधेयक में असम , पश्चिम बंगाल , त्रिपुरा , मेघालय , में स्थित क्षेत्र शामिल है......
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